Mirza Ghalib “है सुखन-वार और भी ज़माने में, पर कहते हैं ग़ालिब का अंदाज़-ए-बयां और” The lines ‘etched’ above were written by a poet,...
Mirza Ghalib “है सुखन-वार और भी ज़माने में, पर कहते हैं ग़ालिब का अंदाज़-ए-बयां और” The lines ‘etched’ above were written by a poet,...
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